भजन/भावगीत

प्रभु मेरे

प्रभु मेरे तुम्हीं सर्वस्व हो मेरे,
तुम्हीं से प्यार करता हूं ।
छवि तुम्हारी नयनों में रखता हूं ।।

प्रभु मेरे तुम्हीं सर्वस्व हो मेरे,
पल- प्रतिपल दर्शनों को तरसता हूं ।
मैं भटका प्राणी, भटकता ही रहता हूं ।।

प्रभु मेरे तुम्हीं सर्वस्व हो मेरे,
बिन तुम्हारे जीवन में तनिक न चैन।
हृदय जले तवा सा, नौ-नौ आंसू रोते नैन।।

प्रभु मेरे तुम्हीं सर्वस्व हो मेरे,
दूर न मुझको करो, पड़ता हूं पांव।
बिन तुम्हारे मुझे कहीं न मिले छांव।।

प्रभु मेरे तुम्हीं सर्वस्व हो मेरे,
दिखा दो राह सुपथ की नाथ ।
पकड़ लो उंगली, छोड़ो न साथ ।।

प्रभु मेरे तुम्हीं सर्वस्व हो मेरे,
नित लीन रहूं तुममें ही प्रभु ।
बस इतनी सी विनय स्वीकार करो प्रभु ।।

— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111

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