धुंध
सर्दियों की भोर में तुम्हें उठाने से पहले ठण्ड का खुद जायका लेकर देखती हूँ गर्म चाय के पतीले से
Read Moreकालिमा बढ़ती जा रही थी महामारी और कर्फ्यु ने लोंगों में निराशा हावी हो रही थी वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य
Read Moreबदलते दौर में सबसे क्रांतिकारी परिवर्तन जो हुआ है वो है सोशल मिडिया में हर उम्र के लोगों की दिलचस्पी
Read Moreबदल गये चेहरे लोगों के बढ़ती गई गलतफहमियाँ लड़के की चाल मतवाली कानों में पहने बालियाँ लडकियों ने लगाई बुलेट
Read Moreरेत पर लिखी इबारतों जैसी तेरी बातें उड़ जाती है हल्की सी हवा के ऐ जिन्दगी बता तेरा वजूद क्या
Read Moreसच में बचपन तू बहुत याद आता है भूलने की कोशिशें बहुत की मगर तू बडा़ तड़पाता है वो विशेष
Read Moreदर्द दे गया जिन्दगी में वो इस कदर अब तो बस इस दिल में वीरानगी रह गई। तेरी बेवफाई के
Read More” पैदा हुआ तब कितना रोये थे तुम इसकी विकलांगता को देख कर …” मां आज बहुत कुछ कहना चाहती
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