सुबह के दस बजे का समय रोड में काफी चहल-पहल शुरू हो गई थी,ठीक ऐसे समय मे एक सरकारी कार्यालय का चपराशी रामु अपने कार्यालय को खोलने और साफ-सफाई करने के लिए घर से निकलता है, तभी उसको पास में नास्ता करते हुए कचड़ा बीनने वाले को जलपान करते हुए देखा। यह वही कचड़ा बीनने […]
Author: अशोक पटेल "आशु"
भारतीय पर्व हमारी आस्था विश्वास का प्रतीक”-
भारत की संस्कृति और सभ्यता में पर्व का विशेष स्थान माना जाता है।यहाँ की प्राचीन संस्कृति यहाँ के लोक-पर्व,रीति-रिवाज,परम्पराएँ, मान्यताएँ, ये सब हमारे धर्म,आस्था,विस्वास का प्रतीक है।हमारे देश मे अनेक जाति,धर्म,संस्कृति,भाषा-भाषी व सम्प्रदाय के लोग निवास करते हैं,बाउजूद इसके इनमें आपस मे प्रेम,सद्भावना,भाईचारे और अनेकता में एकता की मिशाल देखने को मिलती है।यही हमारे देश […]
अलविदा
ये अवसर है,बेला है,अलविदा का पर!इसेअलविदा न समझें,न करें। हम दिवस को मात्र अलविदा करें हम मासों को मात्र अलविदा करें। हम करे अलविदा,बीतते ये वर्षों को हम करें अलविदा,गीले-शिकवे को। वक्त वही है,और अवसर भी वही है बस युग बदल गया,और हम वही हैं। हम सुस्वागत करें,नव सत्र बेला का हम अलविदा करें,द्वेष,दुर्भावना का। […]
बचपन की मीठी यादें
ओ बचपन की प्यारी मीठी यादें ओ लड़ना-झगड़ना और फरियादें ओ मान-मनव्वल और झूठी वादे मुझे आज भी याद है,,,, ओ बचपन के निश्छल भोले मन ओ रहते हर पल पुलकित मगन ओ किलकारी भरते सदा तनमन मुझे आज भी याद है,,,, ओ ईर्ष्या द्वेष से परे मीठी बातें ओ रह-रह के करते मुलाकातें ओ […]