जन विमुख जनतन्त्र
छब्बीस जनवरी को फिर से मनाया जाएगा गणतन्त्र दिवस। ठीक वैसे ही जैसे पाँच महीने पहले मनाया गया था स्वाधीनता
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Read Moreगुवाहाटी। पुस्तक मेले के 33वें संस्करण में असम के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और कैबिनेट मत्री पत्तन, नौवहन, जलयान एवं आयुष मत्रालय
Read Moreहमारे देश ही नहीं अपितु समस्त विश्व में गुरु-शिष्य परम्परा किसी न किसी रूप में आदि काल से सर्वदा विद्यमान
Read Moreहे पुरुष! नारियों के हेतु सौ – सौ वर्जनाएँ और अपने हाथ सौ अधिकार लेकर, न्याय के सर्वोच्च पद को
Read Moreआजादी के अमृत महोत्सव के परिप्रेक्ष्य में गुमनाम पूर्वजों की यशगाथा पर आधारित राष्ट्रवादी पुस्तक इनसे हैं हम की लोकप्रियता
Read Moreस्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान् सर्वत्र पूज्यते। जी हाँ, राजा की पूजा उसके देश में होती है वो भी भय से
Read Moreसोनपुर का मेला जो कभी आजादी की योजना-स्थल के रूप में जाना जाता था, अब से आवाज दबाने के रूप
Read Moreहाँ, हम भेड़ हैं हमारी संख्या भी बहुत अधिक है सोचना-विचारना भी हमारे वश में नहीं न अतीत का दुःख
Read Moreपूर्वोत्तर भारत का कण-कण जिनकी उपस्थिति का भान कराता है वे हैं दृष्टि, संवेदना और कलम के धनी श्री वीरेन्द्र
Read Moreकृष्ण की गीता पुरानी हो गई है, या कि लोगों की समझ कमजोर है। शस्त्र एवं शास्त्र दोनों हैं जरूरी,
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