पिता का आशीर्वाद हरे दुर्वा दल के जैसा ; जिंदगी में कभी अपने को कमजोर न समझना , थोड़े से में भी खुश रहना। पिता का दुलार शहद के जैसा ; मातृभूमि रक्षा हेतु ,धूलि तिलक कर , वीर पुत्र को रण क्षेत्र में भेजते , पिता की डांट नीम के जैसा ; हमारे अंतर्निहित […]
Author: चेतना सिंह 'चितेरी'
आओ घमंड भाव का परित्याग करें
आओ हम एक दूसरे के घर को खुशियों से भर दें। एक दूसरे का साथ देकर , एक दूसरे के जीवन को आसान बना दें , आओ हम एक दूसरे के सुख – दु:ख के साथी बने। हम सब , जन्म से पूर्व , इस धरती पर कुछ लेकर नहीं आए थे , हम सबको […]
तंबाकू जानलेवा है
तंबाकू का सेवन करना छोड़ो! यह जानलेवा है, यह जानते हुए भी! फिर क्यों धूम्रपान करते हो ? तुम बुद्धिजीवी हो! अपने भविष्य को उज्जवल बनाओ! तुम अंधेरों में क्यों रहना पसंद करते हो ? मैं तुमको ऐसे टूटते हुए नहीं देख सकती, क्योंकि, मैं चेतना प्रकाश हूंँ । तुम्हारी सांसे मुझसे जुड़ी हुई हैं, […]
आओ! गुस्सा त्यागें
कुछ खट्टी, कुछ मीठी, यादों के साथ , मैं तेरे दिल में बस जाऊंगी, जब मुझे तू याद करेगा ,तो मैं चाहकर भी ! तेरे पास वापस न आ पाऊंगी, सब छोड़ चली जाऊंगी, कल किसने देखा है? आओ! गुस्सा त्यागें, हम प्रेम सौहार्द की बातें करें। जिंदगी! चार दिन की है, जाने कौन! कितने […]
मैं मजदूर
मैं मजदूर हूं, गर्व से कहता हूं, मैं मजदूर! हूं , मैं मजदूर हूं । मेरे चेहरे पर ना कोई शिकन, मैं बोझ उठाता हूं, जूझता, बुझता हूं, फक्र से कहता हूं, मैं मजदूर ! हूं ,मैं मजदूर हूं। मैं भाग्य पर नहीं बैठता , नित कार्य करता हूं, मैं अपने को कोसता नहीं, मैं […]
हमारे परिवार का महत्व
आओ! बच्चों ! तुम्हें सुनाएं, अपने परिवार की कहानी, जिन रिश्तों से मुझे स्नेह मिला, वे हैं; दादा –दादी, ताई–ताऊ, चाचा –चाची ,भैया– भाभी, बुआ– फूफा ,दीदी –जीजा, तुम्हारी नानी उस घर की सबसे छोटी बहू , सास –ससुर, जेठ –जेठानी, ननद–नंदोई ,देवर–देवरानी , संयुक्त था, हमारा परिवार। हम पचास ,सदस्यों से घर हंसता, हमारी […]
मां
मां से ही जीवन , मां से ही सारी खुशियां, बिन मांगे मेरी जो मुराद पूरी कर दे, कोई और नहीं, मेरी मां है। मां का किन शब्दों में करूं मैं गुणगान, जिस ने दिया मुझे अच्छा संस्कार, जिसके आशीर्वाद से आज मैं जो कुछ भी हूं, कोई और नहीं, मेरी मां है। मां का […]
जीवन के रंग अनेक
जीवन के रंग अनेक कभी धूप ,कभी छांव, कभी सुख ,कभी दु:ख पर, मैं दिन– रात चलती हूं ना थकती ना गिरती हूं। मौसम बदलते हैं पर, मैं नहीं बदलती, सपनों को साकार करने के लिए प्रतिदिन आगे मैं बढ़ती हूं। कुछ कर गुजरने की चाहत मुझमें, आसमां को छू लेना चाहती हूं। ऊंचे हैं […]
दोस्ती
दोस्ती, न हैसियत देखती है, दोस्ती, न रंग रूप से होती है, दोस्ती, न जाति –धर्म देखती है, दोस्ती में तो दो विचारों का मिलना , मन का खिलना होता है। जीवन में अच्छे दोस्त ,बड़ी मुश्किल से मिलते हैं, दोस्त ,सुख –दु:ख के साथी बनते हैं, उम्र के हर पड़ाव पर कैफियत पूछते हैं। […]
होली प्रेम का पर्व
ये प्रेम का पर्व है, खुशियों का पर्व है, हम मिलजुल कर मनाएंगे होली का पर्व, फागुन के गीत गाएंगे, ढोल नगाड़ा भी बजाएंगे, अम्मा के हाथ की बनी गुझिया भी! खाएंगे, चाचा –चाची के साथ होली का पर्व मनाएंगे, ये प्रेम का पर्व है खुशियों का पर्व है गांव में परिवार के साथ होली […]