अहंकार
सभी विकास करने के इच्छुक होते हैं. मानव ने भी विकास की सीढ़ी पर बराबर पैर बढ़ाया. अमूमन विकास के
Read More”अजीब दास्तां है ये कहाँ शुरू कहाँ खतम ये मंज़िलें हैं कौन सी न वो समझ सके न हम.” यह गीत
Read Moreसुधीजनों का कहना है सबसे बात करो मुलाकात करो पर कभी तो तनिक समय निकालकर खुद से भी बात करो
Read Moreरोटी एक मिली कौए को, मन में बहुत-बहुत हर्षाया, उसे देखकर एक लोमड़ी, का भी मन था ललचाया. ”कौए भाई,
Read Moreकौआ एक बड़ा प्यासा था, उड़कर पहुंचा एक बाग में, जहां पड़ा था एक घड़ा पर, पानी था थोड़ा-सा उसमें.
Read Moreशहर चला जब मंगलू भाई, बोले लोग, ”तू है ही लल्लू, काम गधे से क्यों नहीं लेता? थक जाएगा बेटा
Read Moreनीलू-शीलू लगीं झगड़ने, रोटी कौन बड़ी खाएगा? ”बंदर मामा, तुम्हीं बता दो, रोटी कौन बड़ी पाएगा?” छोटी एक तराजू लेकर,
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