अपने अपने राम
एक राम अवध के राजा,एक अखिल ब्रह्मांड के धाम,अजर अमर अविनाशी प्यारे,सबके अपने अपने राम। दशरथ प्राण-आधारे राम,कौशल्या के दुलारे
Read Moreएक राम अवध के राजा,एक अखिल ब्रह्मांड के धाम,अजर अमर अविनाशी प्यारे,सबके अपने अपने राम। दशरथ प्राण-आधारे राम,कौशल्या के दुलारे
Read Moreबड़े काम के हैं उम्मीद के सिक्के,साहस का पर्याय हैं उम्मीद के सिक्के,जीना बहुत आसान बन जाता है जब,जेब में
Read More“हनुमान बेटा, एक बात बताओ कि, तुम्हारी पूंछ नहीं जली आग में और पूरी लंका जल गई? इसका क्या रहस्य
Read Moreकितने सुख थे उस अस्पताल में, इतनी बीमार होते हुए भी मीनू खुश-सी दिखती थी! जब मन चाहे, अपनी मर्जी
Read Moreनए मेहमान के आगमन की खुशी में अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर नीता के लिए सोने की अक्षय बरसात
Read Moreघड़ा अत्यंत विकल था. कितने सुकून से मिट्टी के रूप में धरती मां की गोद में मस्त था. फिर एक
Read More