एक युग का अवसान
हे महान आत्मा ! आपको शत-शत नमन!! अंततः आठ दशकों की यह अनवरत यात्रा थम ही गई आप भी हो
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Read Moreज़िंदगी से मौत बोली, ख़ाक हस्ती एक दिन जिस्म को रह जायँगी, रूहें तरसती एक दिन मौत ही इक चीज़
Read Moreधूप का लश्कर बढ़ा जाता है छाँव का मन्ज़र लुटा जाता है रौशनी में कदर पैनापन आँख में सुइयाँ चुभा
Read Moreहाय! दिलबर चुप न बैठो, राजे-दिल अब खोल दो बज़्मे-उल्फ़त में छिड़ा है, गुफ्तगूं का सिलसिला मीरो-ग़ालिब की ज़मीं पर,
Read Moreज़िन्दगी हमको मिली है चन्द रोज़ मौज-मस्ती लाज़मी है चन्द रोज़ प्यार का मौसम जवाँ है दोस्तो प्यार की महफ़िल
Read Moreलड़कपन खेल में खोया, जवानी नींद भर सोया बुढ़ापा देखकर रोया, वही किस्सा पुराना है ……………. सजन रे झूठ मत
Read Moreघटना नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की है। काफ़ी बहस के बाद कुली सौ रूपये में राज़ी हुआ तो मेरे ‘साले’ के
Read Moreस्वामीजी पर बलात्कार का आरोप लगा! पता नहीं सही था या आधारहीन क्योंकि प्रभु राम की तरह पूजनीय स्वामीजी को
Read Moreसड़क पर दुर्घटनाग्रस्त आदमी को देखकर भीड़ तरह-तरह की बातें बना रही थी — “हाय राम! कितनी बेदर्दी से कुचल
Read More“एक ज़बरदस्त टक्कर लगी और सब कुछ ख़त्म …” अपने मोबाइल से हवलदार सीताराम ने इंस्पेक्टर पुरुषोत्तम को ठीक वैसे
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