बेटियाँ
खो रहीं मधुरिम सरसती बोलियाँ अश्क आँखों में सिसकती बेटियाँ दर्द सहती उफ न करती ये सदा बेटियाँ हैं दो
Read Moreगुरू तुम्हारे प्यार का उपकार मैं कैसे चुकाऊँ | ज्ञान के अनमोल धन का मोल मैं कैसे चुकाऊँ | गुरु
Read Moreआग नफ़रत की अब बुझानी है | प्यार की हर शमा जलानी है | प्यार से फूल जहाँ में खिलते
Read More31/8/18 प्यार में वो अश्क दामन भर गये | हाय यों लगता निकल गौहर गये | बेसबब भटका किये हम
Read Moreमिस्टर शर्मा और कमल कांत बचपन के साथी तो थे ही आज भी सुख दुख के साथी हैं | दोनो
Read Moreगुरु सत चित आनंद है , अविचल और अपार | संशय मिट जाते सभी , हो भव सागर पार ||
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