जीवन तो है त्याग साधना
जीवन तो है त्याग साधना जीवन भोग विलास नही है वो मानव क्या मानव जिसको पर दुख का अहसास नही
Read Moreजीवन तो है त्याग साधना जीवन भोग विलास नही है वो मानव क्या मानव जिसको पर दुख का अहसास नही
Read Moreसाँसे बहुत प्रतिक्षा रत हैं बाहें उत्सुक आलिंगन को प्रेम दीप आलोकित करके मन अभिलाषित मधुर मिलन को स्वप्न सजाए
Read Moreबोलते हैं झूठ लेकिन सच बताते हैं सभी सच यही है झूठ के गुणगान गाते हैं सभी जानता हूँ बोलता
Read Moreरोता और रुलाता क्यूँ है आँसू रोज बहाता क्यूँ है इतना दर्द दबाकर दिल में महफिल में मुस्काता क्यूँ है
Read Moreजन गण की आशाएं भी है जन मन की पीड़ाएं भी है दोनों की अपनी परिभाषा दोनों की अपनी मजबूरी
Read Moreसत्य के उजाड हो गये झूठ के दरख्त फल गये वक्त की है मार देखिये चाँदनी में हाथ जल गये
Read Moreपरंपराओं के पालक हम, धर्म गये क्यूँ भूल भारती पूछ रही छोड देश हित हुए सभी क्यूँ, निज हित में
Read Moreदिल में दिल का दर्द दबाये एक ज़माना बीत गया मेरे होठों को मुस्काये एक ज़माना बीत गया आवाजें देती
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