चीखने लगा है धर्म…
चीखने लगा है धर्म, मानवता तार तार श्रृद्धा ने ये कैसा रूप, धर लिया पाप का गुरु कर रहे पाप,
Read Moreचीखने लगा है धर्म, मानवता तार तार श्रृद्धा ने ये कैसा रूप, धर लिया पाप का गुरु कर रहे पाप,
Read Moreअलगावों के बीज बो रहे, जो घाटी के सीने में। लगा रहे है आग द्रोह की, जो कश्मीर नगीने में॥
Read Moreअभी सपनो की उडान बाकी है पाने कई मुकाम बाकी है। ऐ शाम! थोडा आहिस्ता ढल अभी कई काम बाकी
Read Moreनाग जुल्फों के लहराओ ना इस तरहा डस रही है, दिलों को ये कातिल अदा। हौले हौले संवारो जरा इनको
Read Moreबचपन की यादें मां का आंचल पापा का दुलार छोड आयी हूँ बचपन की सहेली आंगन, वो देहली भाई का
Read Moreअबला नही हूं मैं परम्परा की चूडियां पहनी है संस्कार का सिन्दूर सजाया है हाथो मे मेहंदी जरूर है पर,
Read Moreरंग मोहब्बत बरसा ऐसा, एक रंग सब रंग जाऐं। मन धानी धानी हो जाये, तन धानी रंग रंग जाये॥ मोहे
Read Moreखुशी! तु ही बता तुझे पाकर क्यों इतराऊं। जानता हूं, तु बेवफा है फिर तेरे आगे झोली क्यूं फैलाऊं॥ जमाना
Read Moreगूथ कर एक धागे मे, दिल की दुआ मेरे भैया मेरा प्यार लाई हूं मैं। मांगती हूं दुआ, तु सलामत
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