जिन्दगी, पर तू ना मिली…
टूटती जुडती उम्मीदें बनते बिगते रिश्ते आती जाती दौलत मान सम्मान की फिक्र बीत जाती है पूरी जिन्दगी साधने में,
Read Moreटूटती जुडती उम्मीदें बनते बिगते रिश्ते आती जाती दौलत मान सम्मान की फिक्र बीत जाती है पूरी जिन्दगी साधने में,
Read Moreसर्द रात की ठिठुरन में भी जीना सीख लिया उसने। आंसू के धारे सा हर गम पीना सीख लिया उसने।
Read Moreपाप बढने लगा सांवरे, फिर धरा पर चले आईये। धर्म अकुला रहा मर्म से, कर्म ज्योति जला जाईये॥ जमुना का
Read Moreहर दिल में तूफां है, सीने में जलन सी है नफरत की आंधी का, ये कैसा दौर चला हर शख्स
Read Moreचीखने लगा है धर्म, मानवता तार तार श्रृद्धा ने ये कैसा रूप, धर लिया पाप का गुरु कर रहे पाप,
Read Moreअलगावों के बीज बो रहे, जो घाटी के सीने में। लगा रहे है आग द्रोह की, जो कश्मीर नगीने में॥
Read Moreअभी सपनो की उडान बाकी है पाने कई मुकाम बाकी है। ऐ शाम! थोडा आहिस्ता ढल अभी कई काम बाकी
Read Moreनाग जुल्फों के लहराओ ना इस तरहा डस रही है, दिलों को ये कातिल अदा। हौले हौले संवारो जरा इनको
Read Moreबचपन की यादें मां का आंचल पापा का दुलार छोड आयी हूँ बचपन की सहेली आंगन, वो देहली भाई का
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