त्याग समर्पण
मांडवी का त्याग बड़ा या उर्मिला का समर्पण? ना जाने उहापोह कैसा चलते रहता है अंतर्मन| जीवन में हर कोई
Read Moreमांडवी का त्याग बड़ा या उर्मिला का समर्पण? ना जाने उहापोह कैसा चलते रहता है अंतर्मन| जीवन में हर कोई
Read Moreमन लगता बदहवास है तेरे बगैर अब, बुझी बुझी सी शाम है तेरे बगैर अब| खिड़की से ताकते रहे सुदूर
Read Moreकभी ती ठहरो इस दिल में अपने मकाँ की तरह, रखेंगे तुमको सजाकर हम जिस्मो-जाँ की तरह| बरसाओ एक बूँद
Read Moreहाथों की मेहंदी वो देखे नैनों में अश्रु भर कर, मन ही मन जिसको वरे थे ना हुआ वो हमसफ़र|
Read Moreएक शाम अलसाई सी कभी व्यथित कभी हर्षायी सी जैसे छिटक डाली से फूल हर एक पल में मुरझाई सी|
Read Moreमन लगता बदहवास है तेरे बगैर अब, बुझी बुझी सी शाम है तेरे बगैर अब| खिड़की से ताकते रहे सुदूर
Read Moreकब कहा हमने तुमसे की दिखा दो हमें ताजमहल| लाखों में आते हैं यात्री है वह दर्शनीय स्थल| पर वो
Read Moreतुम जो कुछ हो आज किसी का योगदान होगा जमीर रख दी गिरवी पर उसका निशान होगा| मेहनत तो बेशक
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