हिंदी की व्यथा….
अब हो गई है मुद्दत, उफ्फ यह जद्दोजहद, राष्ट्रभाषा बनाने की परिश्रम और यह शिद्धत| हूँ बहुत ही शर्मसार, लगता
Read Moreअब हो गई है मुद्दत, उफ्फ यह जद्दोजहद, राष्ट्रभाषा बनाने की परिश्रम और यह शिद्धत| हूँ बहुत ही शर्मसार, लगता
Read Moreक्या हुआ बेटा? कुछ चाहिए? अपनी चुन्नी हटाते हुए नंदिनी ने कहा| नंदिनी ने उस बच्ची से कहा फिर वापस
Read Moreमांडवी का त्याग बड़ा या उर्मिला का समर्पण? ना जाने उहापोह कैसा चलते रहता है अंतर्मन| जीवन में हर कोई
Read Moreमन लगता बदहवास है तेरे बगैर अब, बुझी बुझी सी शाम है तेरे बगैर अब| खिड़की से ताकते रहे सुदूर
Read Moreकभी ती ठहरो इस दिल में अपने मकाँ की तरह, रखेंगे तुमको सजाकर हम जिस्मो-जाँ की तरह| बरसाओ एक बूँद
Read Moreहाथों की मेहंदी वो देखे नैनों में अश्रु भर कर, मन ही मन जिसको वरे थे ना हुआ वो हमसफ़र|
Read Moreएक शाम अलसाई सी कभी व्यथित कभी हर्षायी सी जैसे छिटक डाली से फूल हर एक पल में मुरझाई सी|
Read Moreमन लगता बदहवास है तेरे बगैर अब, बुझी बुझी सी शाम है तेरे बगैर अब| खिड़की से ताकते रहे सुदूर
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