गीत
कहाँ कहा कब हमने यह कि, हम पर विपदा भारी है कहाँ कहा कब हमने यह कि, जीवन की दुश्वारी
Read Moreगालियाँ हमारी सांस्कृतिक विरासत है। यह ऐसी देव विद्या है जिसे जिज्ञासु, बिना किसी गुरुकुल, विद्यालय-विश्वविद्यालय में गए आत्म-प्रेरणा से
Read Moreआज विदा होती है बाबुल, तुझसे तेरी राजदुलारी तेरी आँखों की ज्योति वो, जो थी तुझको जाँ से प्यारी। असुवन
Read Moreसूरज किरणों का ताज धरे, तारे मोती बन जाते हैं अपनी दौलत देकर के सब, भारत का रूप सजाते हैं।
Read Moreपुराणों मे लिखा है माता के चरणों में स्वर्ग होता है। और पिता जी के चरणों में जूता। जिसके पड़ते
Read Moreभारत संकट के दौर से गुजर रहा है। यह इस देश की नीयती है। इसका वर्तमान हमेशा कंटकाकीर्ण ही रहा
Read Moreदुख की उमर बहुत छोटी है, सुख ने हँस यह बात बतायी सूखे नयना हुए बावरे , पलकें भीगी और
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