Author: श्रवण कुमार मिश्रा

सामाजिक

हारने को हार नहीं कहते बल्कि हिम्मत हारने को हार कहते हैं।

मेहनत और भाग्य को लोग अलग-अलग करके देखते हैं। यह सामान्य जुमला है कि भाग्य में होगा तब सबकुछ मिलेगा।

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