सपनो के पीछे
सपनो के पीछे भागे फिरते हो क्यों ? सपना भी कभी हुआ है —– अपना ! जितना सोचा था —
Read Moreसपनो के पीछे भागे फिरते हो क्यों ? सपना भी कभी हुआ है —– अपना ! जितना सोचा था —
Read Moreकिस्मत कुछ ऐसा कमाल कर जाती है खुशी मुझको छूकर गुजर जाती है। चाहे कितना भी तेज दौड़ ले सफलता
Read Moreमन की खिड़की बंद पड़ी थी अन्दर जोरों की घुटन थी तृष्णा की जंजीरों में जकड़े मोह की श्रृंखला बनी
Read Moreरात है एक खिड़की दिन है दरवाजा रात में पसरा है अंधेरा तो दिन में प्रकाश का है समागम थक
Read Moreधूप में तुझे जलना पड़ेगा ना चाहते हुए भी तुझे चलना पड़ेगा। गर पांवों में पड़ गए है छाले उन
Read Moreनीलम अभी अभी अपनी ननद अभिलाषा के घर आई,आते ही अपनी तारीफों के पुल बांधने लगी। नीलम से जब भी
Read More