Author: डॉ. विजय कुमार सिंघल

उपन्यास अंश

आत्मकथा : मुर्गे की तीसरी टांग (कड़ी 29)

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सतलुज छात्रावास में रहते हुए मेरे कई ऐसे मित्र बने जो मेरे सहपाठी नहीं थे। उनमें

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उपन्यास अंश

आत्मकथा : मुर्गे की तीसरी टांग (कड़ी 23)

पत्र-मित्रता के माध्यम से मुझे कई घनिष्ट मित्र पाने का सौभाग्य मिला, जिनका जिक्र आगे करूँगा। मेरे व्यक्तित्व के निर्माण

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ब्लॉग/परिचर्चासामाजिक

क्या ‘पीके’ पर प्रतिबन्ध लगना चाहिए?

बहुत से हिन्दू संगठन और व्यक्ति आमिर खान अभिनीत फिल्म ‘पीके’ पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि

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