जो रोज-रोज थकते हैं
जो कही बात को बिना कहे कहते हैं उत्तरा हवा की तरह मडराते हुए बन्दूक की गोली की तरह धड़ाम..धड़ाम
Read Moreजो कही बात को बिना कहे कहते हैं उत्तरा हवा की तरह मडराते हुए बन्दूक की गोली की तरह धड़ाम..धड़ाम
Read Moreराही तेरा राह से नाता। जग तोड़े तुझसे प्रीत। जगत में ना कोई तेरा। स्वारथ के नातों में तू क्यों
Read Moreघेरी क्षितिजी लालिमा, सूरज साँझ विहान रे मन तुझसे क्या कहूँ, कली कली मुस्कान कली कली मुस्कान, यही है शोभा
Read Moreप्यार के पंछी (बाल कविता) ———————————- नन्हें – नन्हें प्यार के पंछी लगते सबसे न्यारे पंछी | फुदक – फुदक
Read Moreकुछ अपने अरमान दबा कर कुछ अपने ज़ज़्बात छिपा कर कुछ उनके अहसान उठा कर कुछ अपना वक़्त बिता कर
Read Moreये परदेश की लड़कियां कितनी बेखोफ़ होकर सात समंदर पार होकर बेख़ौफ़ चली आती है परिंदो की तरह आजाद होकर
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