पिरामिड
“पिरामिड” (1) ये चोटी शिखर हिमालय गगन चुम्बी पर्वत मालाए रक्षा सीमा प्रहरी।। (2) ये शीर्ष पहाड़ रमणीय सुंदर
Read Moreअब कहाँ रह गए गुरु जी वाले किस्से कहाँ रह गयी आदर सम्मान की बातें गालियां मिलती हर मोड़ पर
Read Moreविकास की छाती पर रख सिर रोता है पहाड़ न देखे उसकी दरकन न ही सुने दहाड़ ।। नंगी हो
Read Moreकिसी रुद्र से परे नही हूं जब अपनी पर आती हूं स्वाभिमान की खातिर तो अग्नि तक से लड़ जाती
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