संसद के दोनों सदनों में
संसद के दोनों सदनों में, नेता चुन-चुन कर पहुंचे जो। हो ह्रदय हीन स्वार्थी सारे, कमियां औरों की गिनते हैं।।
Read Moreसंसद के दोनों सदनों में, नेता चुन-चुन कर पहुंचे जो। हो ह्रदय हीन स्वार्थी सारे, कमियां औरों की गिनते हैं।।
Read Moreदुःख होता है—— बचपन की यादें जब धूमिल होती हैं, हुई पराई वो टोली जो साथ चली थी। छूट गई
Read Moreदर्द सह लेते हैं, अश्क भी पी लेते हैं हम तो आज भी… तेरी यादों में जी लेते हैं ll
Read Moreएक दिन अवश्य ऐसा हो… श्रमधन का मूल्य जन मानस में दिव्य शोभा बनेगा श्रम बिंदु मोती बनकर मानवता के
Read Moreयादें फिर से मेरे सामने आकर के खिले तेरे – मेरे बीच की वो हँसी नज़दीकियाँ हर पल में याद
Read Moreघेरे हुए थे मुझे चारों ओर से पीड़ामय जग के सारे बादल काले अपनी अँधेरी झोंपड़ी में अकेले बैठा मैं
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