हमनवां
कितनी अनोखी है प्रीत जमीं की जो फैलाये आँचल करती है सजदा माँगती है दुआ अपने नबी की… कितना अलग
Read Moreकिसान ऐसे वक्त ही ……………………. ताव दिखाने पर तुला तापमान पारा चढता जाता है धधक रही है घरा बहुत सूरज
Read Moreबेमेल विवाह जैसी बदरंग जिन्दगी से शिकायत तभी तक होती हैं जब तक समझौता नही कर पाते! करते ही शिकायते अपने आप
Read Moreचाय के इस लेन-देन में कुछ इधर आई, कुछ उधर गई कुछ होंठों से लगी, कुछ बासी भई पर हड़बड़ी
Read More=========माँ ======== कामयाबी की सीढ़ियाँ चढ़ते – चढ़ते आज बहुत “बड़े” हैं हो गये !! बैठे माँ की निश्छल छाया
Read Moreजब भी तेरी यादों का झोंका चला आता है, सुकून ओ करीने से , संवरी ज़िन्दगी में, सब कुछ बिखेर
Read Moreबंदगी करता रहा उमर भर का आदमी ठहरा चलता रहा जुबां पर लगा पहरा हिल गए ये होठ यूं ही
Read Moreमैं अधीर हूँ शाँत करो अनंत प्रेम दो हृदय मे धरो स्वप्न मे तुम रहो जीवन मे तुम रहो मेरी
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