दहेज
अरी बहन! जाते-जाते सुनती जा ज़रा मेरी गपशप में है आज, खुशी का रंग भरा मुहल्ले वालियाँ, बड़े शान से
Read Moreये क्या तरल है जो मेरे फेफड़ों के अंदर-बाहर बना हरकारा है तुम्हारी चाह की साँसे हैं फेफड़ो में धधकती
Read Moreजाने ये कौन से जन्म का नाता है जो दिल से न भुलाया जाता है जब भी कोशिश करता हूँ
Read Moreवो आया, हँसा बोला सुना चिल्लाया फिर थोड़ा मुस्कराया, तलब लगी थी , हाथ में लिया , ऊँगलियों में फँसाया,
Read More== हममें से किसी की आदत नही किसी को छेड़ने की किसी ने छेड़ा नहीं छोड़ना ऐसा सोचा बघनखे हमने
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