नासूर बने घाव
” बिट्टो ! ये डॉगी जब भी तुम्हें देखता है, काँच वाली खिड़की पर पंजे क्यों मारने लगता है। “
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Read Moreकहते हैं वक्त अच्छे अच्छों को मौन कर देता है। कुछ ऐसा ही वरिष्ठ क्रिमिनल लायर आशुतोष जी के साथ
Read Moreलघुकथा ईश्वर के प्रतिरूप पति-पत्नी शाम को टेरेस पर बैठे बतिया रहे है।पत्नी बोली, “अभी कोरोना से दुनियाभर में हाहाकार
Read Moreअर्थ का अनर्थ हिन्दी भाषा में कभी-कभी वर्तनीगत अशुद्धियाँ कैसे अर्थ का अनर्थ कर देती हैं, वह इस कहानी से
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