पश्चाताप
राज अपने पिता की इकलौती संतान होने के कारण मिल रहे लाड़ प्यार से बहुत जिद्दी हो गया था।
Read Moreआफिस से कमरे पर जाते हुए रास्ते में पड़ने वाले मंदिर के बाहर छोटे छोटे बच्चों को प्रसाद मांगकर खाते
Read Moreआज महरी शालू अभी तक नहीं आयी थी। मैं एक बार दरवाजे की तरफ देखती तो दूसरी बार घड़ी की
Read Moreआभासी संवाद का सिलसिला पहली मुलाकात तक आ पहुंचा।जब रितेश और करुणा पहली बार मिले थे। यूं तो दोनों के
Read Moreएक साहित्यिक आयोजन के आमंत्रण हेतु शुरु हुआ आभासी संवाद का सिलसिला आगे बढ़ते बढ़ते हुए उस समय रिश्तों के
Read More“यह देखो विशाल, यह वही बच्चा नहीं है, जिसकी कल के स्थानीय अखबार में शाम को गुमशुदा होने की खबर
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