लघुकथा – हिंदी दिवस
“तुम्हें कितनी बार कहा है कि घर पर कोई गेस्ट आते हैं तो तुम इंग्लिश में ही बोला करो पर
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Read Moreअपनी हार्डवेयर की दुकान पर मिस्टर गोयल बहुत दिनों के बाद आये थे। वे कई महीनों से बीमार चल रहे
Read More“माँ आपने छोटू भैया को अपने घर के अंदर क्यों नहीं आने दिया ?भैया आधी रात में कहाँ जायेंगें ।माँ
Read Moreचीटियों का सरदार मधुमक्खियों से बैर पाल लिया। वज़ह कुछ खास नहीं ,अपने बिल को थोड़ा बड़ा बनाने के चक्कर
Read Moreचार मित्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने गांव लौटे थे. कैम्पस से नौकरी मिलने का अवसर उन्होंने देश-सेवा के लक्ष्य
Read Moreएक छोटा सा परिवार श्रीमती धापू एवं श्री रूपेश कुमार का परिवार शहर से बाड़मेर से करीब सौ किलोमीटर दूर
Read More” रुको , सोम ! रुको ऐसे सड़क पर नहीं भागते । रुको, सुनो !……. जबरन सोम को पकड़ उसकी
Read Moreआलोक की आदत है समाचार पत्र पढ़ते हुए सुबह की पहली चाय पीना। समाचार पत्र गिरने की खनक सुन, दरवाज़ा
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