लघुकथा – संस्कार बोलते हैं
सभागार में वयोवृद्ध पंडित जी प्रवचन कर रहे थे. सभागार खचाखच भर गया, बाद में आने वाले लोग बाहर खड़े
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Read Moreमैं 16 साल की बाली उम्र में दो विद्यालयों की फाउंडर प्रिंसिपल रही हूं. उसके बाद लगभग 16 सरकारी विद्यालयों
Read Moreदादा दादी आये हैं। परपोता आरोह और उसकी पत्नी रूही मन ही मन उलझन में फंसे हैं। आज हम सब
Read Moreमार्केटिंग फंडा वैसे तो मुझे होटल में खाना पसंद नहीं है पर बच्चों की इच्छा का ध्यान रखते हुए हम
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