लघुकथा – आत्मा की तृप्ति
“आज श्राद्ध कर्म संपन्न हो गया। ब्राह्मण भोज के बाद हित कुटुंबों ने भी भोज में शरीक होकर अपना फर्ज
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Read Moreपानठेले के पास खड़े एक शख्स ने राजश्री चबाते हुए कहा- ” उसके बाप तो क्या ; बाप का बाप
Read Moreपार्टी हाइ कमान के सामने जाते हुए पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष की टाँगें बुरी तरह काँप रही थीं। हाइ कमान ने
Read Moreविवाह के बाद से ही हर रात टिंकू नशे में धुर्त ही घर आता था ।( निशा ) पत्नी उसे
Read More“क्या हुआ? “ “लक्ष्मी आई है। “ “खाक लक्ष्मी आई है।तीसरी बार भी लड़की ही।” और,सासू मां ने अनीता को
Read Moreबचपन की दोस्त वैदेही की शादी ठीक हो गई थी. अब उसे शुभकामना देने उसके घर जाना था, सुबह-सुबह उसके
Read More“अरे अमित तुम अचानक कैसे?और तुम्हारे साथ ये लड़की कौन है?” अमित के मामा ने अचानक हज़ार किलोमीटर दूर रहने
Read Moreछपास की ललक तो मोहनलाल जी में शुरू से ही थी, पर अच्छे लेखन के बावजूद उनका लेखन फेसबुक
Read Moreफेसबुक गर्लफ्रैंड एक फेसबुक गर्ल (प्रोफाइल पिक्चर के मुताबिक) फ्रैंड अक्सर मैसेंजर पर कुछ भी मैसेज करती रहती थी। कभी
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