लघुकथा : आज तक
एक मनोविज्ञान के छात्र ने अपने सेवानिवृत्त अध्यापक पिता से पूछा- ” बाबूजी ! मैंने एक उदाहरण से सुख की
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Read Moreलघुकथाअर्धांगिनीवह करवा चौथ का दिन था। सुनीता का शरीर बुखार से तप रहा था। पूरा शरीर दर्द से टूट रहा
Read Moreखुशियों वाली दिवाली “सुनो न, कुछ दिन पहले ही तुम कह रही थी कि अपना मिक्सर ग्राइंडर चेंज करना है,
Read Moreतुमको बात का करने का कोई तरीका ही नहीं आता, कुछ भी बोल देते हो। जरा सोच लिया करो,कि जो
Read Moreराघव अपनी पुत्री ऋचा के युवा होने पर उसके लिए एक उपयुक्त वर की तलाश कर रहा था। उसने कई
Read Moreपंडित बैजनाथ जी हर साल की तरह आज दशहरे का प्रोग्राम देख कर घर आये। रावण दहन को वोह शुरू
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