गीतिका/ग़ज़ल

गज़ल

आज़ बिगड़े हैं जो मेरे हालात  तो कल फिर सुधर भी जाएंगेl  जो लोग मेरी नजरों से गिर  गए है वो मेरी निगाह में फिर चढ़ ना पाएंगेl जिस दिन बरसेगी जब ईमान की बारिश दाग दामन पे उनके बे हिसाब उभर आयेगेl  हम अकेले ही सही पर इंसान लगते हैं लोग साथ आ गए […]

कविता

वर्किंग वुमन

उठती हूं सुबह तड़के नर्म गर्म बिस्तर को तज के बनाती हूं पूरे घर की चाय कूट देती हूं अदरख संग अपनी कुछ इच्छाएं चाय के साथ खुद भी खौलती हूं अपने आप से ही कुछ बोलती हूं शक्कर मिलाकर लाती हूं मिठास जुबा पर लगाती हूं ताला ताकि रिश्तों में ना आए  खटास नाश्ता, […]

कविता

वक्त

आज तुम्हारा है, कल मेरा भी आयेगा! “वक्त” ही तो है बदल जाएगा आज तुम सवाल और हम जवाब बने बैठे हैं कल ये किरदार बदल जाएगा वक्त ही तो है सवर जाएगा जो निग़ाह बचा के निकल जाते हैं आज वो कल नज़रे झुका के निकलेंगे मुफलिसी का ये दौर भी गुजर जाएगा वक्त […]