दरमियाँ
रघु तेजी से गाडी चलाते हुए पहाडगंज इलाके की भीड़ भाड से निकलना चाहता था मगर न जाने कैसे बचते
Read Moreसदर बाजार मे पीपल के पेड़ के गटे पर टाट-पट्टी बिछा कर बैठता है पन्ना लाल ! उसके दाई और
Read Moreवो कस्बे में डर डर के रहता था। हालाँकि वो डरपोक नहीं था पर फिर भी डर – डर के रहना
Read Moreपिछले दिनों हरियाणा के एक मंत्री महोदय ने आत्महत्या करने वालों को कायर बता दिया. उसके बाद हमारे किसान-प्रेमी और
Read Moreगर्मी का महीना था | बाग में कुछ बच्चे और बडे तिलमिलाती गर्मी से बचने के लिए पेड़ों की छाँव
Read More“कुसुम !!! यह सब क्यों हुआ मैंने कभी सोचा भी नही था ऐसा!! हाय रे मैं मर क्यों नही गया
Read More“हाय” “हाय” “कैसी हो” “बढ़िया, आप कैसी हो” “मैं भी ठीक हूँ” “कहाँ रहती हो, आजकल दिखती ही नहीं?” “हाँ
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