ममत्व से भरी: सुरिचा (कहानी)
धर्मप्रकाश जी के दो बेटे थे, आलोक और आदेश दोनों की शादी हो चुकी थी,धर्मप्रकाश जी और उनकी पत्नी सलिला
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Read Moreएक गांव मे श्याम की किराने की दुकान थी।श्याम धुर्त था गाँव के ज्यादा तर निवासी अनपढ थे ।श्याम इसका
Read Moreरधिया ने मिठाई और पकवानो की थाली ली और जमीन पर बैठ गई खाने के लिए , अभी पहला निवाला
Read More||| रात 2:00 ||| मैं राणा के केबिन में घुसा, वो परेशान था और ड्रिंक्स ले रहा था। मुझे देखकर उसने
Read Moreएक मुफलिस सा आदमी हमारी ओर आकर कुछ गज़ की दूरी पर खड़ा रह गया | मेरे दोस्त अजय ने
Read Moreमहेश का बार – बार रीमा को केबिन मे बुलाना ऑफिस के सारे स्टाफ मे चर्चा का विषय बन गया
Read Moreमनोज ने जब वृद्ध आश्रम की पहली सीढ़ी पर कदम रखा उसे बाबू जी की याद आ गयी.. अपनी पत्नी
Read More||| रात 10:30 ||| ट्रेन रुकी हुई थी, शायद कोई क्रासिंग थी। बहुत देर से रुकी हुई थी ! कुछ देर
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