लम्बी कहानी – ‘रखैली’ भाग – 2
सज्जाद की सहेली हालाँकि सज्जाद की पूछी गई पहेली के कोई मायने नहीं थे। न ही उसकी शर्त मानने को
Read Moreसज्जाद की सहेली हालाँकि सज्जाद की पूछी गई पहेली के कोई मायने नहीं थे। न ही उसकी शर्त मानने को
Read More“धरा नहीं जो धारण कर ले… आसमान है पिता ,बरसता है नेह बनकर दूर से चुपचाप….” पिता होना माँ होने से
Read Moreसारिका का ब्याह हुए छः महीने हो गए ।भरा पूरा परिवार था, जिसमें सास ससुर, जेठ जेठानी और उनके बच्चे
Read Moreभाग – 1 (1)सज्जाद की पहेली ‘आप यहाँ… ?’सारिका ने उसे दूर से देख लिया था लेकिन पार्टी की गहमा
Read Moreजिस प्रकार अस्पताल और अदालत एक आम आदमी कभी अपने शौक से नहीं, बल्कि मजबूरी में ही जाता है, ठीक
Read Moreयह पानी की बेड़ियों में जकड़ा गांव है। इस पानी की दीवार ने ज़मीन में ही सरहद नहीं खोदी है,
Read Moreबढ़िया कीमती जॉर्जेट की साड़ी, मैचिंग कीमती साड़ी पिन, कीमती नाजुक ज्वेलरी में सजी-धजी सुमी अच्छे कमेंट सुनने की उम्मीद
Read Moreपाँच बजते-बजते दिल्ली की भीड़-भाड़ से निकल आए तो लगा रात के दस बजे तक देहरादून पहुँच ही जाएँगे। दिल्ली-मेरठ
Read Moreमाँ की अनमोल सीख लिए नीता ससुराल पहुँच गई थी। सासु माँ, ससुर जी और जेठ, जेठानी, भरा सा घर
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