चित्रकार
चित्रकार तो वोह सकूल के दिनों से ही था लेकिन उस की इस कला को जानने वाला ही कोई नहीं
Read Moreवह तेजी से भाग जा रहा था , क्षत-विक्षत वस्त्र ।जगह जगह शरीर पर बने ताजा घाव के निशान ,
Read Moreअधूरा प्यार…. श्रुति बहुत ही खुशमिजाज लड़की थी, हर पल को बखूबी जीने वाली, इस तरह मानो कल आएगा ही
Read Moreमेरा दफ़्तर एक चिड़ियाघर है। यह मैं अब तक नहीं जानता था। अभी-अभी मुझे पता चला है और मैं सदमे
Read Moreकभी-कभी जीवन ऐसे करिश्में दिखाता है कि आँखें बस देखती ही रह जाती हैं और अकल दंग। डाॅ. रंजन की
Read Moreसांवली सी लड़की दु:खी थी। इतनी दु:खी थी कि बस डिप्रेशन में चली गई थी। उसके माता-पिता; अरे! उसके माता-पिता
Read Moreरिटायरमेंट एक ऐसा पड़ाव होता है, जहां खुशी और ग़म का संगम होता है. एक तरफ अपनी खुशहाल जिंदगी में
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