यशोदानंदन-१०
मेघ, दामिनी और चन्द्रमा – तीनों ने जगत्पिता के एक साथ दर्शन किए। अतृप्ति बढ़ती गई। तीनों पूर्ण वेग से
Read Moreमेघ, दामिनी और चन्द्रमा – तीनों ने जगत्पिता के एक साथ दर्शन किए। अतृप्ति बढ़ती गई। तीनों पूर्ण वेग से
Read More33. वीर पुत्र का दुर्बल पिता 1306 में देवलदेवी को हिरासत में लेने के बाद गुजरात के सुबेदार अल्प खाँ और
Read Moreशिशु कृष्ण मंद-मंद मुस्कुरा रहे थे। वे जी भरके अपने माता-पिता को देख लेना चाह रहे थे — पता नहीं
Read Moreकंस वापस अपने राजप्रासाद में आ तो गया परन्तु भगवान के प्रति शत्रुता के सागर में निमग्न वह बैठे-सोते, चलते-फिरते,
Read More32. अपभ्रष्ट शहजादा सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी का सबसे बड़ा पुत्र खिज्र खाँ जो रात दिन सिर्फ अफीम और मद्यपान करके यौनसुख
Read Moreअब वसुदेव को अपने शिशुओं को लेकर कंस के पास नहीं आना पड़ता था। शिशु के जन्म का समाचार पाते
Read More31. कटु संवाद दिल्ली सल्तनत का शाही हरम का एक कक्ष, बिना साज-श्रृंगार के। कक्ष में न तो शय्या है और
Read More30. मधुपर्व गुर्जर राजकन्या देवलदेवी के दुर्भाग्य के आरंभ से ठीक पूर्व जब वह यादव युवराज शंकरदेव के प्रेमपाश में बंधी
Read Moreघोड़े पर सवार जिरह बख्तर पहने अल्प खाँ राजकुमार को देखकर चिल्लाकर कहता है ”अरे ओ काफिर, तू तो अभी बच्चा
Read More29. दुर्भाग्य का आरंभ निश्चित समय और बेला पर पिता और गुरुजनों से आशीर्वाद लेकर अपनी सखियों से गले मिलकर राजकुमारी
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