मटरगश्ती करती 3 कविताएँ
मटरगश्ती करती कुछ कविताएँ….. 1. झोलाछाप डॉक्टर मुम्बई में नहीं रहता ! रूरल एरिया का झोला छाप डॉक्टर हूँ, गोकि
Read Moreमटरगश्ती करती कुछ कविताएँ….. 1. झोलाछाप डॉक्टर मुम्बई में नहीं रहता ! रूरल एरिया का झोला छाप डॉक्टर हूँ, गोकि
Read Moreमुस्कुराइए, कि मुस्कुराने से आपकी आवाज की खनक भी खनकती है, मुस्कुराइए, कि मुस्कुराने से बिना पायल के ही आपकी
Read Moreमाँ मन के आँगन में तेरे नाम की तुलसी लगी है निरोगी ही रहेगा सदा ये मन ! ….
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