क्षणिकाएँ
इश्क ऐ काश ! ये वक़्त ठहर जाता और ठहर जाता, हम – दोनों में वो बीता हुआ इश्क़ !!
Read Moreमाँ मन के आँगन में तेरे नाम की तुलसी लगी है निरोगी ही रहेगा सदा ये मन ! ….
Read Moreकिसी का भी जन्मदिन हो, फेसबुक फूल बरसाता है, बहुमंजिला केक पर मोमबत्ती जलाता है, गिफ्ट पैक्स के दर्शन कराता
Read Moreहँसती थी जब भी जिंदगी खुशियों के मेले में फ़िक्र, परेशानी, और उदासियों के गुब्बारे उड़ा कर तालियाँ बजाकर कोई
Read Moreजोर-जोर से सबसे अधिक देर तक हंसने की रेस में उसे पहली बार किसी ने हराया, आयोजक का दिमाग चकराया,
Read Moreमैं माटी का दीप, स्नेह से सिक्त होकर, रुई की बाती का सहारा लेकर, जलूं निरंतर जग को रोशन
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