क्षणिका अनिता मण्डा 14/08/2015 क्षणिका क्षणिका खून से सींच उगाया है दरख़्त उसकी कोई भी शाख़ हिला दो फूल नहीं केवल लम्हे झड़ते हैं लम्हों Read More
क्षणिका कन्हैया प्रसाद तिवारी 13/08/201513/08/2015 छलिया छलिया मेरा दिल द्रवित करके सबकुछ ले गया छोडा तो सिर्फ मन में पछतावा “मैंने उसपर क्यों भरोसा किया“? Read More
क्षणिका रितु शर्मा 07/08/2015 क्षणिका कल रात सपने में पाँव देखे थे…. चारों तरफ आसमान था सिर्फ आसमान… जब मैंने पाँव के बदले पंख मांग Read More
क्षणिका कामनी गुप्ता 06/07/201527/07/2015 क्षणिका बाँट सकु गम तुम्हारे बस इतनी तमन्ना है, खुशियों में गर शामिल ना करो तो कोई गम नहीं है ||| Read More
क्षणिका रितु शर्मा 06/07/201504/07/2015 क्षणिका सूरज को मान हैं अपनी रौशनी पर शायद उसने अभी तेरी चाहत को मेरे पहलू में नही देखा ….!! …रितु Read More
क्षणिका रितु शर्मा 05/07/201504/07/2015 क्षणिका ईश्वर ने जड़ों में दुख कुछ वैसे ही डाला जैसे बड़ी श्रद्धा से सीधा आंचल कर तुलसी में जल देती हू Read More
क्षणिका अमन चांदपुरी 30/06/2015 क्षणिकाएँ क्षणिकाएँ “मौन की भाषा” ‘मौन की भाषा आसान नहीं होती’ “प्रेम में मौन रहकर भी कुछ लोग सब कुछ कह Read More
क्षणिका अमन चांदपुरी 13/06/2015 आशुकवि आशुकवि कुछ समय के लिए समय के पैरों में बेड़ियाँ डाल दो मैं आशुकवि बनना चाहता हूँ जो तत्काल कविता Read More
क्षणिका अमन चांदपुरी 13/06/201513/06/2015 जिन्दगी जिन्दगी बहुत कठिन हैं रोटी बनाने जितनी। — अमन चाँदपुरी Read More
क्षणिका अमन चांदपुरी 12/06/201513/06/2015 क्षणिका : चाहत मैनें सिर्फ तुम्हें चाहा क्या तुमने कभी? मुझे चाहा। — अमन चाँदपुरी Read More