ग़ज़ल
मेरी ये ज़िन्दगी उसी की हैमुझमें खुशबू रमी उसी की है रूह को तिशनगी उसी की हैदिल को चाहत लगी
Read Moreप्यार बस तुमको किया तुमसा दिखा कोई न था |अक्स दिल में दिल तेरा बाकी मेरा कोई न था |
Read Moreधरा को नेह जल बौछार से नहला गया सावन |नयन में स्वप्न भर सांसो को फिर महका गया सावन |
Read Moreनजर आखिरी आज उठ जाने देआज के बाद कोई भरोसा नहीजाम ये आखिरी अब उतर जाने देआज के बाद कोई
Read Moreदर्द आशोब के मंज़र भी हमने देखे हैंआग में जलते हुए घर भी हमने देखे हैंसाथ रहते हुए मासूम –
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