ग़ज़ल
कुछ हमारी मुश्किलें कुछ हैं तुम्हारी मुश्किलें।जिन्दगी जाने क्या -क्या हैं तुम्हारी मुश्किलें।है बहुत आसान जीना और मरना भी बहुत,जिन्दगी
Read Moreदर्द आशोब के मंज़र भी हमने देखे हैंआग में जलते हुए घर भी हमने देखे हैंसाथ रहते हुए मासूम –
Read Moreजाने हों,अनजाने, अच्छे नहीं लगते ।।बिना वजह ताने, अच्छे नहीं लगते ।। यादों की शहनाइयां बजती हों उनकी दिल में,तब
Read Moreमालुम न था के आँखों से होगी कभी बरसात बहुत।वो रुठ गया, पता न था, याद आयेंगे लम्हात बहुत। अनजान
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