ग़ज़ल -अहले चमन में आपकी गद्दारियाँ रहें
आबाद इस चमन में तेरी शेखियाँ रहें । बाकी न मैं रहूँ न मेरी खूबियां रहें ।। नफ़रत की आग
Read Moreआबाद इस चमन में तेरी शेखियाँ रहें । बाकी न मैं रहूँ न मेरी खूबियां रहें ।। नफ़रत की आग
Read Moreबोले क्या बवाल कर गये ! जीना बस मुहाल कर गये !! भीड़तंत्र का रुख यों मोड़ा ! सबका
Read Moreसचमुच तुम कमाल कर गये ! दिल को मालामाल कर गये !! डूबे सहमे हम विचार में , नज़रों में
Read Moreकिसी को ढूँढती दयार में रहीं आँखें तमाम उम्र इंतज़ार में रहीं आँखें बहा किसी की आँख से उदासियों का
Read Moreजहर कुछ जात का लाओ तो कोई बात बने । आग मजहब से लगाओ तो कोई बात बने ।। देश
Read Moreदेखी अनदेखी कर लेते, अँखियों की रंगदारी ! खुशियों की हेराफरी है , अँखियों की रंगदारी !! छिपा रही
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