“गज़ल”
प्यार तुमसे जताती रही रात भर जाग सपने सजाती रही रात भर तुम न आए बहुत बेसहुर से लगे मौन
Read Moreआप तो इश्क का मजा लीजिये जनाब! जां जाती है गर तो जाने दीजिये जनाब!! खौफ कैसा आपको और किस
Read Moreद्वार दिल के, तुमने पहरे तो बिठाए अब अकेलापन तुम्हें ही, खा न जाए बाँट सकता ख़ुशबुएँ गुलशन तभी जब
Read Moreकुछ मिला भी नही ढूढता रह गया वक्त आ कर गया देखता रह गया थी निशा भी खिली दिल सजाकर
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