कलम चली
लिख देता हूँ लिखते लिखते, कलम चली तो चली चली पढ़ कर मुझको जान किसी की, अगर जली तो जली
Read Moreसुबह सुबह अफ़रा तफ़री में फ़ास्ट फ़ूड दे देती माँ तुम टीचर क्या क्या देती ताने , मम्मी तुमको क्या
Read Moreतूफानों का हद से गुजरना जारी है । छत से तेरे चाँद निकलना जारी है ।। ज्वार समन्दर में आया
Read Moreयूँ लगा निकला नया दिनमान है स्वच्छ भारत का शुरू अभियान है तय है होगी ये सदी इस देश की
Read Moreमेरी मंज़िल भी तुम,मेरी राह भी तुम सफ़र भी हो तुम्ही,हमराह भी तुम हर ख़ुशी मेरी तुमसे ही है
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