गीतिका/ग़ज़ल बलविन्दर ‘बालम’ 01/02/202504/02/2025 ग़ज़ल एक बढ़िया ग़ज़ल का अनुमान है।ग़ज़ल में उतारना भगवान है।खूवसूरत मुखड़े को हम क्या कहें?रौशनी की रौशनी पहचान है।देखनी जन्नत Read More
गीतिका/ग़ज़ल सुरेश मिश्र 01/02/202524/01/2025 अच्छा नहीं लगता धन से गरीब हो तो,चलता है मेरे यारा,मन से गरीब होना,अच्छा नहीं लगता। संतों की ये माटी है, कण-कण से Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. ओम निश्चल 29/01/202529/01/2025 ग़ज़ल उदासियों में भी चेहरे पे रोशनी थी बहुतवो मेरे साथ थी जब, ख़ुश ये ज़िंदगी थी बहुतक़रीब रह के भी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 25/01/202525/01/2025 ग़ज़ल प्यार के गीत जब गुनगुनाओगे तुम ,उस पल खार से प्यार पाओगे तुमप्यार दौलत से मिलता नहीं है कभी ,प्यार Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 25/01/202525/01/2025 ग़ज़ल ज़ुबां से तो ना लिया नाम तुम्हारा हमनेखामोशियों से मगर रोज़ पुकारा हमने लबों पे बात अपने दिल की कभी Read More
गीतिका/ग़ज़ल सुरेश मिश्र 24/01/202524/01/2025 ग़ज़ल जहां तनातनी हो, उसको टाला जाए,मिलकर के कोई रास्ता निकाला जाए। केवल हिन्दू -मुस्लिम की बात मत करिए,कोशिश हो कि,हर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *जयकृष्ण चाँडक 'जय' 24/01/202524/01/2025 ग़ज़ल जो हंस के जियोगे झमेला नहीं है,ये जीवन की राहें है खतरा नहीं है। चलेगें सदा साथ सुख- दुख हमारे,सिवा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. मनोज श्रीवास्तव 24/01/202524/01/2025 ग़ज़ल जब कभी परछाई का कद आपके कद से बड़ा होआदमी को चाहिए कि जाकर अंधेरे में खड़ा हो पान का Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 23/01/202523/01/2025 ग़ज़ल भ्रम में डालेगा मन को उकसाएगालालच जब जागेगा पाप कराएगा जो भी अपनी हद के बाहर जाएगाअनचाही पीड़ा की जद Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 21/01/202521/01/2025 ग़ज़ल खड़े हैं राह में दुश्मन, हृदय है मातु का घायल।देश की यादें सतातीं, प्रिया है प्रेम में पागल। उड़ता जाता Read More