ये पानी की बूंदें…
ये दरकते पहाड़, ये खिसकती ज़मीनें,नदियों में बहकर, सिमटती ज़मीनें,ये पानी की बूंदे डराने लगी हैं,ये जबसे ज़मीं को बहाने
Read Moreये दरकते पहाड़, ये खिसकती ज़मीनें,नदियों में बहकर, सिमटती ज़मीनें,ये पानी की बूंदे डराने लगी हैं,ये जबसे ज़मीं को बहाने
Read Moreजुदा हो करके के तुमसे अब, तुम्हारी याद आती हैमेरे दिलबर तेरी सूरत ही मुझको रास आती है कहूं कैसे
Read Moreजलते अलबत्ता लाखों दीपक संसार में।आओ एक दीप जलाए इस प्यार में।अनुकंपा की सौगात है।दीवाली वाली रात है।राजाओं की झोली
Read Moreदुश्वारियां कितनी भी हों, कर्तव्य पथ पर बढ़ता जा।हिम्मत कभी नहीं हारना, तूफानों से भिड़ता जा। अपने कर्म से ही
Read Moreजगह-जगह छिपे हुये यहां आदमखोर हैऐसे लोगों का आजकल देखो जोर हैं बंद है सुविधा यहां काली तिजोरियों मेंऔर मची
Read Moreपरिवर्तन से भय कैसा, करनी से फल मिलता वैसा।सत्य कर्म सब दूर हुए हैं, भगवन भी मजबूर हुए हैं।जैसा बीजा
Read Moreदृग रोए हँसे अधर धर कर, मुस्कन की झूठी अरुणाई,मैं सरित चंचला सागर को,सर्वस्व समर्पित कर आई….वह बाहु पाश जो
Read Moreअपने हाथों को फैलाकर, दिन का स्वागत करती हूँ।पंख नहीं दिखते हैं मेरे, किंतु उड़ानें भरती हूँ ।। सूरज ने
Read Moreयाद मुद्दत से वो है आया कहाँ,गुफ्तगू प्यार की सुनाया कहाँ,जुस्तजू दिल की वह बताया कहाँ,रूबरू खुल के अभी आया
Read Moreझम-झम बरसत,मन मम तरसत,कब तक लखब सजन पथ न। पल-पल कट-कट करत ननद घर,कब लग सहब सजन हम डर-डर,नभ घन
Read More