“हो रहा विहान है”
हो रहा विहान है, रश्मियाँ जवान हैं, पर्वतों की राह में, चढ़ाई है ढलान है।। — मतकरो कुतर्क कुछ, सत्य
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Read Moreमिला बहुत खोया तनिक, प्यारा वर्ष उनीस। करो पूर्ण हर
Read Moreओढ़ निराशा का आँचल जो, क्रंदन को मजबूर हुई। विवश उसी भारत माता की, व्यथा सुनाने आयी हूँ। छंद लिखें
Read Moreअभी उम्र वाकी बहुत है प्रिये, तुम न रूठो, अभी ज्योति मेरे नयन में। इधर कल्पनाओं के सपने हम सजाते,
Read Moreसन्नाटा पसरा है अब तो, गौरय्या के गाँव में। दम घुटता है आज चमन की, ठण्डी-ठण्डी छाँव में।। — नहीं
Read Moreहे मानुस! तूँ सभी जीव में ज्ञानी है – विज्ञानी है। जैव – जगत में नहीं दूसरा कोई तेरा सानी
Read Moreस्वर की लहरी पर मंद मंद , सागर की लहरें गीत गुनें । उठ- उठ गिर-गिर मद में बहकर ,जाने
Read Moreआशा की स्वर्णिम किरणें फिर ,लायी नवल प्रभात । अब होगा उत्थान मनुज का ,तम पर कर प्रतिघात ।। रंग
Read Moreसत्तालोभियों के चक्कर में बेहाल हो गया है भाई देख लो अपने भारत का क्या हाल हो गया है भाई
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