गीत : पीड़ा के स्वर
उजियारे को तरस रहा हूं,अँधियारे हरसाते हैं ! अधरों से मुस्कानें गायब,आंसू भर-भर आते हैं !! अपने सब अब दूर
Read Moreउजियारे को तरस रहा हूं,अँधियारे हरसाते हैं ! अधरों से मुस्कानें गायब,आंसू भर-भर आते हैं !! अपने सब अब दूर
Read Moreआज मैं तुम्हें न पा सका, इसलिए न गीत गा सका। बहार फूल तो खिले मगर, मिले उसे भ्रमर न
Read Moreगरज बरस कर सावन आया, बरखा रानी सँग आयी । ओस बूंद झूले वसुधा पर , तरुवर ऊपर तरुणाई ।
Read Moreहम सबने लखनऊ दे दिया, दे दी दिल्ली-काशी मोदी भइया, रेपिस्टों को ,अब दिलवाओ फाँसी । तुमने केवल बहुमत मांगा,
Read More(नन्ही ट्विंकल की निर्मम हत्या पर सरकार,समाज को जगाती, दोगलों को धिक्कारती एक आवश्यक कविता) तीन बरस की गुड़िया तिल
Read Moreईद मने हर दिन सबकी ही ,दीवाली हर रात रहे । मन की मन से प्रीत बावरी ,सरस् सलिल जज्बात
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