नव संवतसर आया है
होगा नवल विहान सजीला नव संवतसर आया है |चहुँ दिस है मधुमास प्रफुल्लित पावन अवसर आया है | शीत न
Read Moreहोगा नवल विहान सजीला नव संवतसर आया है |चहुँ दिस है मधुमास प्रफुल्लित पावन अवसर आया है | शीत न
Read Moreउत्तर खोज रहें हैपल-पल,बाकी बहुत सवाल हैं कुछ अच्छे कुछ बहुत बुरे कुछ, धर्म अधर्म बवाल हैं क्यों मर्यादा बिखर
Read Moreउर्वर भूमि के मालिक उद्यमी कृषक सुन।नींव के सृजक प्रभाकर श्रमिक सुन।तेरे खून पसीनें में तो सूरज है।सुन्दर काएनात तिरी
Read Moreस्वारथ हित है मुन्ना पाला, स्वारथ की ही मुनिया है।स्वारथ के हैं संगी-साथी, स्वारथ की ही दुनिया है।।स्वारथ ही है
Read Moreचार दिनों की मिली जिंदगी,हैवानों इंसान बनो |अहं भरी दीवार गिराकर,प्रेम भरी दीवार चुनो | मुट्ठी बांधे जग में आए,हाथ
Read Moreउड़ रहा ये रंग ये गुलाल,हुए हम आज खुशहाल।जीवन में ये रंग न हो तो,अपनों का गर संग न हो
Read Moreसाथ किसी के रहो भले ही, अहसान तुम्हारा हम पर है। अहसास प्रेम का कराया तुमने, विश्वास अभी भी तुम
Read Moreहर कर्तव्य निभाती जाऊं, इतनी शक्ति मुझे दे दो |नहीं कभी विचलित होऊँ मैं, इतनी भक्ति मुझे दे दो |
Read More