मुक्तक
कहें हर बार मुझसे वो अजी अब क्या बताना है। जहाँ हम तुम मिलेंगे साथ में सब कुछ सजाना है।
Read Moreशिव महिमा”पर दोहे द्वादश लिंग बिराजते, पावन तीरथ धाम। आग नयन विष कंठधर, त्रिपुरारी प्रभु नाम।। फागुन चौदस रात को,बिल्वपत्र
Read Moreहरकत से नापाक की, बिगड़ रहा परिवेश। हमले सेना शिविर पर, झेल रहा है देश।। — करो-मरो की होड़ में,
Read Moreरंग भरी पिचकारियाँ, लिपटे अधर अबीर गोरी गाए फागुनी, गलियाँ क़हत कबीर॥ फागुन आई हर्षिता, मद भरि गई समीर नैना
Read Moreदुनिया कैसी हो गई, कैसे हैं अब लोग ! पूजा से सब दूर हैं, चाहें केवल भोग !! सेवक
Read Moreजूते जो मुंह पर मारे उनको मत दें, आरक्षण से जो हक काटे उनको मत दें। ऐसा कौन सा धन
Read Moreआरक्षण कंटक हट जाए, हिंद में एकता बढ़ जाए, एक वर्ग ही नहीं है पिछड़ा, हर वर्ग संवर और सज
Read Moreनिहित ज्ञान का पुंज है, गीता में श्रीमान। पढ़ना इसको ध्यान से, इसमें है विज्ञान।। — जनता की है दुर्दशा,
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