दोहे “रहा पाक ललकार”
बैरी है ललकारता, प्रतिदिन होकर क्रुद्ध। हिम्मत है तो कीजिए, आकर उससे युद्ध।। — बन्दर घुड़की दे रहा, हो करके
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Read Moreहिंदी वाले हिन्द में, सब मिल रहते साथ । फिर हिंदी में क्यों नही, होती दिल की बात ।। देवनागरी
Read Moreगजमुख की कर वंदना, धर शारद का ध्यान । पञ्च देव सुमिरन करूँ,रखो कलम का मान ।। ईश्वर के
Read Moreरोता नहीं है कोई भी किसी और के लिए सब अपनी अपनी किस्मत को ले लेकर खूब रोते हैं प्यार
Read Moreगुरु जग में सबसे बड़ा, कहते खुद जगदीश | गुरु के चरणों में सभी,आज नवाओं शीश || गुरु के बिन
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