दोहा
धार्मिक शनि देव का कीजिए, पूजा-पाठ अरु ध्यान।कष्ट मिटे खुशियां मिले, समझो ये विज्ञान।। राम नाम के मर्म को, जिसने
Read Moreबहरूपियों के गाँव में, कहें किसे अब मीत।अपना बनकर लूटते, रचकर झूठी प्रीत॥ भाई-भाई में हुई, जब से है तकरार।मजे
Read Moreसमय जौहरी कर रहा, परख समय की नित्य।समय सदा लगता मुझको, मानो ज्यों आदित्य।। बनो जौहरी नित करो, बुरे-भले में
Read Moreबने विजेता वह सदा, ऐसा मुझे यक़ीन।आँखों में आकाश हो, पांवों तले ज़मीन॥ तू भी पायेगा कभी, फूलों की सौगात।धुन
Read Moreखिली-खिली हो जिंदगी, महक उठे अरमान।आशा है नव साल की, सुखद बने पहचान॥ दर्द दुखों का अंत हो, विपदाएँ हो
Read Moreतुलसी है संजीवनी, तुलसी रस की खान।तुलसी पूजन से मिटें, जीवन के व्यवधान।। विष्णु प्रिया तुलसी सदा, करती है कल्यान।तुलसी
Read Moreजैवविविधता प्रकृति में, जीवन का आधार।सकल सृष्टि का मानते, जीव – जन्तु आभार । जैवविविधता क्षरण से, सारा जग है
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