कविता : वीणापाणि माँ वागेश्वरी, शारदा !
वीणापाणि माँ वागेश्वरी, शारदा !सकल सृष्टि आज त्राहि पुकारता | नैनों में थे खुशियाँ जिनके उन आंखों में हैं आँसू
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Read Moreहे जगत जननी दुर्गे अंबे, हे महामाया अंबिका, तोडो ये चक्रव्यूह अब, मन जिसमें मेरा उलझ रहा, नहीं ज्ञान मुझको
Read Moreहे त्रिपुरारी,औघड़दानी,सदा आपकी जय हो। करो कृपा,करता हूँ वंदन,यश मेरा अक्षय हो।। तुम तो हो भोले भंडारी, हो सचमुच वरदानी
Read Moreहे दुख हारणी पालनहार, जग से न्यारी मां। कष्ट निवारण तारणहारी, सब से प्यारी मां। तेरे रूप अनेक जगदम्बे, लक्ष्मी
Read Moreजागो जागो, मदन गुपाल, स्वीकारों यह, पूजन थाल | माखन मिसरी, भोग महान, खाओ आकर, हुआ विहान || मोर पंख
Read Moreशिव भोले तेरी माया अपरंपार मेरा नमन तुझको बारम्बार जो भी शरण में आया तेरी उसका हो गया बेड़ा पार
Read Moreहे मेरे प्रभू महेष बाबा शिव भोले भंडारी । मै सोमेश बना बन्दर बाबा भोले बने मदारी ।। हाथ डमरू
Read Moreधन्यवाद है तेरा मेरे भोले जी, काम संवारा मेरा मेरे भोले जी जय-जय-जय मेरे भोले जी, जय-जय-जय मेरे भोले जी-
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